भ्रष्टाचार-कारण एवं निवारण पर निबंध – Bhrastachar par Nibandh

संकेत बिन्दु– भूमिका, भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति, भ्रष्टाचार के कारण, भ्रष्टाचार से होने वाली हानियाँ, भ्रष्टाचार रोकने के उपाय, निष्कर्ष या उपसंहार

भूमिका

भ्रष्टाचार दो शब्दों से बना है—‘भ्रष्ट’ और ‘आचार’। ‘भ्रष्ट’ का मतलब है बुरा या ग़लत, और ‘आचार’ का मतलब है व्यवहार या आचरण। जब कोई व्यक्ति अपने पद का गलत फायदा उठाकर, अपने निजी लाभ के लिए ग़लत काम करता है, तो उसे भ्रष्टाचार कहते हैं। यह आमतौर पर पैसे या किसी और चीज़ के लिए किया जाता है, और इसमें व्यक्ति जान-बूझकर अपने कर्तव्यों की अनदेखी करता है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति

भारत में भ्रष्टाचार एक पुरानी समस्या है, जो आज भी जारी है। प्राचीन समय में भी इसके संकेत मिलते हैं। चाणक्य ने अपनी किताब ‘अर्थशास्त्र’ में इस बारे में लिखा था। आज के समय में भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में फैल चुका है, जैसे—धर्म, शिक्षा, राजनीति, प्रशासन, कला, खेल, आदि। रिश्वत लेना-देना, सरकारी सामान में मिलावट करना, मुनाफाखोरी करना, और नियमों को तोड़कर अपने फायदे के लिए काम करना, ये सब भ्रष्टाचार के रूप हैं।

भारत को भ्रष्टाचार के मामले में एक खराब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। ‘ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल’ नाम की संस्था ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया है कि भारत दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में शामिल है।

भ्रष्टाचार के कारण

भ्रष्टाचार के कई कारण हैं:

  1. गरीबी और बेरोज़गारी – जब लोगों के पास पैसे की कमी होती है, तो वे किसी भी तरह से पैसे कमाने के लिए गलत तरीके अपना सकते हैं।
  2. महँगाई – महँगाई बढ़ने से लोगों को अपने जीवन की जरूरतें पूरी करने में मुश्किल होती है, और वे भ्रष्टाचार का सहारा लेते हैं।
  3. नौकरशाही और लालफीताशाही – सरकारी कामकाजी प्रणाली में ढिलाई और नियमों की जटिलता भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है।
  4. अल्प वेतन और प्रशासनिक उदासीनता – कम वेतन और सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में लापरवाही भी भ्रष्टाचार का कारण बनती है।
  5. अशिक्षा और अत्यधिक प्रतिस्पर्धा – लोग उच्च जीवन स्तर की लालसा में गलत रास्ते अपनाने लगते हैं।
  6. सज़ा की कमी – भ्रष्टाचारियों को सजा देने में देरी और उचित कड़ी सज़ा का न होना भी इस समस्या को बढ़ाता है।

भ्रष्टाचार से होने वाली हानियाँ

भ्रष्टाचार देश और समाज के लिए कई नुकसानकारी परिणाम लाता है:

  1. आर्थिक नुकसान – भ्रष्टाचार के कारण सरकारी धन का दुरुपयोग होता है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है।
  2. मनोबल का गिरना – जब लोग यह देखते हैं कि भ्रष्टाचार से किसी को सजा नहीं मिलती, तो वे भी अनुशासन और नैतिकता को नजरअंदाज करते हैं।
  3. काले धन का जमा होना – भ्रष्टाचार के कारण बड़े पैमाने पर काला धन इकट्ठा होता है, जिससे समाज में असमानता बढ़ती है।
  4. सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता – भ्रष्टाचार का असर समाज के सभी वर्गों पर पड़ता है, जिससे सामाजिक असमानता बढ़ती है और राजनीतिक स्थिरता में भी दिक्कतें आती हैं।
  5. सुरक्षा खतरे में डालना – भ्रष्टाचार देश की सुरक्षा को भी कमजोर करता है, क्योंकि यह महत्वपूर्ण संसाधनों की चोरी और गलत तरीके से प्रयोग को बढ़ावा देता है।

भ्रष्टाचार रोकने के उपाय

  1. कड़े कानून और सख्त कार्यवाही – भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कानून को कड़ा बनाना चाहिए और उन्हें सख्ती से लागू करना चाहिए।
  2. शिक्षा और जागरूकता – लोगों को भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों के बारे में शिक्षित करना चाहिए, ताकि वे इसे न अपनाएं।
  3. न्याय व्यवस्था में सुधार – भ्रष्टाचारियों को जल्द सजा देने के लिए न्याय व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है।
  4. गरीबी और बेरोज़गारी का समाधान – लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकार को गरीबी और बेरोज़गारी की समस्याओं का समाधान करना होगा।
  5. लोकपाल और निगरानी तंत्र – एक मजबूत लोकपाल संस्था और निगरानी तंत्र से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

उपसंहार

भ्रष्टाचार देश के लिए एक गंभीर समस्या है, जो उसकी प्रगति में बड़ी रुकावट है। इसे खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। अन्ना हजारे के नेतृत्व में जनलोकपाल विधेयक की मांग ने एक सकारात्मक दिशा दी है, और इसने सरकार को लोकपाल विधेयक पारित करने पर मजबूर किया है। इसके अलावा, काले धन की वापसी की कोशिशें भी जारी हैं, जिनका समर्थन आम जनता को करना चाहिए। अगर हम भ्रष्टाचार से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो हमें जल्द और सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि समाज और देश की स्थिति बेहतर हो सके।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top