महात्मा गांधी का चरित्र-चित्रण
‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य में गांधीजी को नायक के रूप में चित्रित किया गया है।वह इस सदी के महानायक हैं। उन्होंने सत्य, अहिंसा, प्रेम, भाईचारे के महान् गुणों से विश्व और मानवता का कल्याण किया है। लोगों को परमसुख और सन्तोष प्रदान किया है। उनकी चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं|
सत्य-अहिंसा के पुजारी– गांधीजी सत्य और अहिंसा के महान् पुजारी थे। देश में जब चारों और हिंसा की अग्नि धधक रही थी, तब उन्होंने सत्य और अहिंसा का सहारा लिया। उन्हें पूर्ण विश्वास था कि बिना रक्तपात के भी स्वतन्त्रता प्राप्त की जा सकती है। इन्हीं अस्त्रों के बल पर गांधीजी ने अंग्रेजों की नींव हिलाकर रख दी। कठिन-से-कठिन परिस्थितियों में भी वह अपने सिद्धान्तों पर अडिग रहे और अन्ततः उन्हीं के सिद्धान्तों पर भारत को स्वतन्त्रता प्राप्त हुई।
दृढ़प्रतिज्ञ– महात्मा गांधी अपने निश्चय पर दृढ़ रहने वाले एक साहसी व्यक्ति थे। उन्होंने जिस कार्य को पूरा करने का संकल्प किया, उसे वह करके ही रहे। कोई बाधा-विघ्न उन्हें पथ से विचलित नहीं कर सका। उन्होंने नमक कानून तोड़ने की प्रतिज्ञा को पूरा करके ही दिखाया।
जननायक– महात्मा गांधी जन-जन के प्रिय नेता रहे हैं। उनके एक इशारे पर लाखों नर-नारी अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तत्पर रहते थे। भारत की जनता ने उनका पूरा साथ दिया और उनके साथ आजादी की लड़ाई लड़कर अंग्रेजों से अपने आपको मुक्त कराया।
समदर्शी– महात्मा गांधी सबको समान दृष्टि से देखते थे। उनके लिए न कोई बड़ा था, न कोई छोटा। उन्होंने देश से छुआछूत के भूत को भगाने के लिए अथक प्रयास किया। उनकी दृष्टि में कोई अछूत नहीं था।
मानवता के पुजारी-‘मुक्तियज्ञ’ के नायक गांधीजी ने अपना सम्पूर्ण जीवन मानव के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उनका दृढ़ विश्वास था कि घृणा, घृणा से नहीं, अपितु प्रेम से मरती है। उनमें दया, करुणा, त्याग, संयम, विश्वबन्धुत्व एवं वीरता के गुण भरे हुए थे।
जाति प्रथा के विरोधी– गांधीजी जाति प्रथा के कट्टर विरोधी थे। उनका मानना था कि भारत जाति-पाँति के भेदभाव में पड़कर अपना विनाश कर रहा है। इस प्रकार ‘मुक्तियज्ञ’ के नायक गांधीजी महान् लोकनायक, सत्य एवं अहिंसा के पुजारी, निर्भीक, दृढ़-प्रतिज्ञ और साहसी पुरुष के रूप में हमारे सामने आते हैं। कवि ने उनमें सभी लोक कल्याणकारी गुणों का समावेश किया है।
‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य की कथा/कथासार/कथावस्तु/सारांश अपने शब्दों में लिखिए।