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हिमालय से एवं वर्षा सुन्दरी के प्रति : महादेवी वर्मा UP Board

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ पद्यांश 1- शब्दार्थ-समाधि-तपस्वी, झंझा-आँधी; शत-सौ; दृगों-आँखों, नीर-पानी; जलंते कण की पुकार-धूप से […]

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चींटी एवं चन्द्रलोक में प्रथम बार : पद्यांशों की सन्दर्भ-सहित व्याख्या

पद्यांश 1- शब्दार्थ– सरल-सीधी; विरल-पतली, जो घनी न हो, तम अन्धकार, लघुपद-छोटे-छोटे कदम, पिपीलिका-चींटियाँ, सतत निरन्तरः अविरत-बिना रुके। सन्दर्भ– प्रस्तुत

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