युवा जंगल एवं भाषा एकमात्र अनन्त है: अशोक वाजपेयी- Class 10

अशोक वाजपेयी का जीवन परिचय-

एक युवा जंगल मुझे,
अपनी हरी उँगलियों से बुलाता है।
मेरी शिराओं में हरा रक्त लगा है
आँखों में हरी परछाँइयाँ फिसलती हैं
कन्धों पर एक हरा आकाश ठहरा है
होठ मेरे एक हरे गान में काँपते हैं-
मैं नहीं हूँ और कुछ
बस एक हरा पेड़ हूँ
फूल झरता है फूल शब्द नहीं!
बच्चा गेंद उछालता है, सदियों के पार
लोकती है उसे एक बच्ची !
बूढ़ा गाता है एक पद्य,
दुहराता है दूसरा बूढ़ा,
भूगोल और इतिहास से परे
किसी दालान में बैठा हुआ !
न बच्चा रहेगा,
न बूढ़ी, न गेंद, न फूल, न दालान
रहेंगे फिर भी शब्द
भाषा एकमात्र अनन्त है!

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