क्या लिखूँ ? : गद्यांश | Kya Likhun UP Board Class 10 Hindi Solutions

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उत्तर- (क) सन्दर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘गद्य खण्ड’ में संकलित पाठ ‘क्या लिखूँ?’ नामक ललित निबन्ध से उधृत है। इसके लेखक ‘श्री पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी’ हैं।

उत्तर- (ख) लेखक कहता है कि तरुण अर्थात् जिन नवयुवकों ने जीवन में आने वाली कठिनाइयों, समस्याओं का सामना नहीं किया है और वे केवल सुखों से ही परिचित हैं, उनके लिए यह संसार अत्यन्त आकर्षक और सुन्दर प्रतीत होता है। वे इस सुन्दर संसार में अपने जीवन की मनोरम कल्पनाएँ करते हैं। जीवन-संघर्षों से अपरिचित होने के कारण जीवन रूपी दूर के ढोल सुहावने लगते हैं। जो लोग अपना बचपन, युवावस्था और प्रौढ़ावस्था पार कर वृद्धावस्था में कदम बढ़ा चुके हैं, उन्हें अपने अतीत का गीत गाना अच्छा लगता है। एक ओर नवयुवकों से भविष्य अभी दूर है, तो दूसरी ओर वृद्धों से उनका बचपन पीछे छूट गया है। यही कारण है कि युवा भविष्य के और वृद्ध बचपन के सपने देखते रहते हैं। लेखक कहता है कि तरुण और वृद्ध दोनों ही अपने वर्तमान से असन्तुष्ट दिखते हैं।
युवा वर्ग अपने उत्साह और साहस से वर्तमान को बदल देना चाहता है, वृद्धजन बीते समय को बेहतर मानते हैं। वे सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना चाहते हैं। इसी संघर्ष में दोनों का जीवन तनाव भरा हो जाता है। युवा अपने भविष्य के सपने वर्तमान में ही पूरा कर लेना चाहते हैं, जबकि वृद्ध अपने बचपन के सुखमय दिनों को वापस वर्तमान में लाना चाहते हैं, जो सम्भव नहीं होता है। इससे नवयुवक अपने वर्तमान को सुधारने में लगे रहते हैं और वृद्धजन अपनी गौरवपूर्ण संस्कृति की रक्षा में प्रयासरत् दिखते हैं। वृद्ध और युवा पीढ़ी के बीच यही स्थिति तनाव का कारण बनती है तथा दोनों के बीच मतभेद चलते रहते हैं। यही कारण है कि वर्तमान सदैव दुःखी बने रहने के साथ-साथ सुधार का युग बना रहता है।

उत्तर– (क) सन्दर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘गद्य खण्ड’ में संकलित पाठ ‘क्या लिखूँ?’ नामक ललित निबन्ध से उधृत है। इसके लेखक ‘श्री पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी’ हैं।

उत्तर– (ग) प्रगतिशील साहित्य-निर्माता यह समझकर साहित्य-निर्माण कर रहे हैं कि उनका साहित्य भविष्योन्मुखी है, जो भविष्य का गौरव समेटे हुए है। इस साहित्य पर युवा पीढ़ी गर्व कर सकेगी, क्योंकि इसमें भविष्य की सम्भावनाएँ और आवश्यकताओं को तलाश कर मानव की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास किया गया है।

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