- रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
- अम्ल, क्षारक एवं लवण
- धातु एवं अधातु
- कार्बन एवं उसके यौगिक
- जैव प्रक्रम
- नियन्त्रण एवं समन्वय
- जीव जनन कैसे करते हैं
- आनुवंशिकता
- प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
- मानव नेत्र तथा रंग-बिरंगा संसार
- विद्युत
- विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव
- हमारा पर्यावरण
इकाई-1> रासायनिक पदार्थ-प्रकृति एवं व्यवहार। 20 अंक
- रासायनिक अभिक्रियाएँ – रासायनिक समीकरण, संतुलित रासायनिक समीकरण, संतुलित रासायनिक समीकरण का तात्पर्य, संतुलित रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार- संयोजन अभिक्रिया, अपघटन (वियोजन) अभिक्रिया, विस्थापन अभिक्रिया, द्विविस्थापन अभिक्रिया, अवक्षेपण अभिक्रिया, उदासीनीकरण, उपचयन तथा अपचयन अभिक्रिया।
- अम्ल, क्षार तथा लवण – H+ तथा OH- आयनों के आधार पर अम्ल, क्षार तथा लवण की परिभाषाएँ, सामान्य गुणधर्म, उदाहरण तथा उपयोग, pH पैमाना की अवधारणा (लघुगणक से सम्बन्धित परिभाषा आवश्यक नहीं), दैनिक जीवन में pH का महत्त्व, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, विरंजक चूर्ण, बेकिंग सोडा, धावन सोडा,प्लास्टर ऑफ पेरिस के निर्माण की विधि तथा उपयोग।
- धातु एवं अधातु – धातु तथा अधातुओं के गुणधर्म, आयनिक यौगिकों का निर्माण तथा गुणधर्म, सक्रियता श्रेणी, धातुकर्म की आधारभूत विधियाँ, संक्षारण तथा उसका निवारण।
- कार्बनिक यौगिक- कार्बनिक यौगिकों में सहसंयोजी आबंध, कार्बन की सर्वतोमुखी प्रकृति, समजातीय श्रेणी, प्रकार्यात्मक समूह वाले कार्बनिक यौगिकों (हैलोजन, ऐल्कोहॉल, कीटोन, ऐल्डिहाइड, ऐल्केन, ऐल्काइन) की नामपद्धति, संतृप्त तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में अंतर, कार्बनिक यौगिकों के रासायनिक गुणधर्म (दहन, ऑक्सीकरण, संकलन, प्रतिस्थापन अभिक्रिया), एथेनॉल तथा एथेनोइक अम्ल (केवल गुणधर्म तथा उपयोग), साबुन और अपमार्जक।
इकाई-2 जैव जगत । 20 अंक
- जैव प्रक्रम – ‘सजीव’ पौधों तथा जन्तुओं में पोषण, श्वसन, परिवहन तथा उत्सर्जन की मूलभूत अवधारणा।
- जन्तुओं तथा पौधों में नियन्त्रण एवं समन्वय – पौधों में दिशिक गति, पादप हामोंनों का परिचय, जन्तुओं में नियन्त्रण एवं समन्वय, तन्त्रिका तंत्र-ऐच्छिक पेशियाँ तथा अनैच्छिक पेशियाँ, प्रतिवर्ती क्रिया, रासायनिक समन्वय-जन्तुओं में हामोंन।
- प्रजनन- जन्तुओं तथा पौधों में प्रजनन (लैंगिक तथा अलैंगिक), प्रजनन स्वास्थ्य – आवश्यकताएँ तथा परिवार नियोजन की विधियाँ, सुरक्षित यौन एवं HIV/AIDS, प्रसूति एवं जनन स्वास्थ्य।
- आनुवंशिकता – आनुवंशिकता, मेंडल का योगदान – लक्षणों की वंशागति के नियम, लिंग निर्धारण (संक्षिप्त परिचय)।
इकाई-3 – प्राकृतिक घटनाएँ (संवृतियाँ) | 12 अंक
- वक्रपृष्ठ द्वारा प्रकाश का परावर्तन, गोलीय दर्पणों द्वारा प्रतिबिम्ब बनना, वक्रता केन्द्र, मुख्य अक्ष, मुख्य फोकस, फोकस दूरी, दर्पण सूत्र (निगमन नहीं), आवर्धन।
- अपवर्तन – अपवर्तन के नियम, अपवर्तनांक, गोलीय लेन्सों द्वारा अपवर्तन, गोलीय लेन्सों द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना, लेन्सों द्वारा प्रतिबिम्ब बनाने के नियम, लेन्स सूत्र । (व्युत्पत्ति आवश्यक नहीं), आवर्धन, लेंस की क्षमता।
मानव नेत्र में लेन्स का कार्य, दृष्टि दोष एवं निवारण, गोलीय दर्पण तथा लेन्सों के अनुप्रयोग।
प्रिज्म द्वारा प्रकाश का अपवर्तन , प्रकाश का विक्षेपण, प्रकाश का प्रकीर्णन दैनिक जीवन में अनुप्रयोग।
इकाई-4> विद्युत का प्रभाव | 13 अंक
- विद्युत धारा, विभवांतर तथा विद्युत धारा, ओम का नियम, प्रतिरोध, प्रतिरोधकता, कारक जिन पर किसी चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है। प्रतिरोधों का संयोजन (श्रेणीक्रम, समान्तर-क्रम) एवं दैनिक जीवन में इसका उपयोग, विद्युत धारा का ऊष्मीय-प्रभाव तथा दैनिक जीवन में उपयोग, विद्युत शक्ति, P, V, I तथा R में अंतर्सम्बन्ध।
- विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव – चुम्बकीय क्षेत्र, क्षेत्र रेखाएँ, किसी विद्युत धारावाही चालक के कारण चुम्बकीय क्षेत्र, परिनालिका में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण चुम्बकीय क्षेत्र, चुम्बकीय क्षेत्र में किसी विद्युत धारावाही चालक का बल, फ्लेमिंग का बाएँ हाथ का नियम, घरेलू विद्युत परिपथ।
इकाई-5 प्राकृतिक संसाधन | 05 अंक
- हमारा पर्यावरण- पारितन्त्र, पर्यावरणीय समस्याएँ, ओजोन परत का अपक्षयन, अपशिष्ट उत्पादन तथा निवारण, जैवनिम्नीकरणीय तथा अजैवनिम्नीकरणीय पदार्थ।