केन किं वर्धते ? (किससे क्या बढ़ता है?)
गद्यांशों का सन्दर्भ-सहित अनुवाद
गद्यांश 1-
सुवचनेन मैत्री,
इन्दुदर्शनेन समुद्रः
शृङ्गारेण रागः,
विनयेन गुणः,
दानेन कीर्तिः,
उद्यमेन श्रीः,
सत्येन धर्मः,
पालनेन उद्यानम्,
सदाचारेण विश्वासः,
अभ्यासेन विद्या,
न्यायेन राज्यम्
औचित्येन महत्त्वम्,
औदार्येण प्रभुत्वम्,
क्षमया तपः,
पूर्ववायुना जलदः,
लाभेन लोभः,
पुत्रदर्शनेन हर्षः
मित्रदर्शनेन आह्लादः,
दुर्वचनेन कलहः,
तृणैः वैश्वानरः
नीचसङ्गेन दुश्शीलता
उपेक्षया रिपुः,
कुटुम्बकलहेन दुःखम्,
दुष्टहृदयेन दुर्गतिः,
अशौचेन दारिद्रद्यम्,
अपथ्येन रोगः,
असन्तोषेण तृष्णा
व्यसनेन विषयः।
सन्दर्भ– प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘संस्कृत खण्ड’ में संकलित केन किं वर्धते?’ पाठ से लिया गया है। इसमें जीवनोपयोगी बातें बताई गई हैं के किन-किन गुणों से क्या-क्या बढ़ता है।
अनुवाद – सुन्दर वचनों से मित्रता, चन्द्रमा के दर्शन से समुद्र, श्रृंगार करने से प्रेम, विनम्रता से गुण, दान से यश, परिश्रम करने से लक्ष्मी (धन), सत्य का पालन करने से धर्म, पालन-पोषण (देख-भाल) करने से उद्यान, सदाचार से विश्वास, अभ्यास से विद्या, न्याय करने से राज्य, उचित व्यवहार से महत्त्व, उदारता से प्रभुत्व, क्षमा से तप, पूर्व से चलने वाली हवा (पुरवाई) से बादल, लाभ से लोभ, पुत्र को देखने से खुशी, मित्र को देखने से आनन्द, बुरे वचनों से कलह, तिनकों (घास-फ्रेंस) से आग, नीच लोगों की संगति से दुष्टता, उपेक्षा से शत्रु, परिवार के झगड़े से दुःख, दुष्ट हृदय से दुर्गति, अपवित्रता से दरिद्रता, अपथ्य (परहेज न करने से) से रोग, असन्तोष से लालच और बुरी आदतों से विषय वासना बढ़ती है।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. मैत्री केन वर्धते?
अथवा सुवचनेन किं वर्धते?.
उत्तर– मैत्री सुवचनेन वर्धते।
प्रश्न 2. समुद्र केन वर्धते ।
अथवा इन्दुदर्शनेन कः वर्धते?
उत्तर– इन्दुदर्शनेन समुद्रः वर्धते।
प्रश्न 3. दानेन का वर्धते?
अथवा कीर्तिः केन वर्धते?
उत्तर – दानेन कीर्तिः वर्धते ।
प्रश्न 4. श्री केन वर्धते ?
उत्तर– श्री उद्यमेन वर्धते।
प्रश्न 5. सत्येन कः वर्धते ?
अथवा धर्मः केन वर्धते ?
उत्तर – सत्येन धर्मः वर्धते।
प्रश्न 6. उद्यानम् केन वर्धते?
उत्तर– उद्यानम् पालनेन वर्धते।
प्रश्न 7. विद्या केन वर्धते ?
अथवा अभ्यासेन किं वर्धते ?
उत्तर– विद्या अभ्यासेन वर्धते।
प्रश्न 8. औदार्येण किं वर्धते ?
उत्तर – औदार्येण प्रभुत्वं वर्धते।
प्रश्न 9. तपः केन वर्धते ?
उत्तर– तपः क्षमया वर्धते।
प्रश्न 10. लोभः केन वर्धते ?
उत्तर – लोभः लाभेन वर्धते।
प्रश्न 11. पुत्रदर्शनेन कः वर्धते ?
उत्तर– पुत्रदर्शनेन हर्षः वर्धते।
प्रश्न 12. कलहः केन वर्धते ?
उत्तर – कलहः दुर्वचनेन वर्धते।
प्रश्न 13. वैश्वानरः केन वर्धते?
उत्तर– वैश्वानरः तृणैः वर्धते।
प्रश्न 14. नीचसङ्गेन का वर्धते ?
उत्तर– नीच सङ्गेन दुश्शीलता वर्धते।
प्रश्न 15. रिपुः कया वर्धते ?
उत्तर – रिपुः उपेक्षया वर्धते।
प्रश्न 16. रोग: केन वर्धते ?
उत्तर– रोगः अपथ्येन वर्धते।
प्रश्न 17. तृष्णा केन वर्धते ?
उत्तर – तृष्णा असन्तोषेण वर्धते ।
प्रश्न 18. न्यायेन कः वर्धते ?
उत्तर – राज्यं न्यायेन वर्धते।